दिल्ली में दुनिया का छठा बड़ा टर्मिनल
नई दिल्ली.दुनिया का छठा सबसे बड़े एयरपोर्ट टर्मिनल-3 को आज देश के नाम समर्पित कर दिया गया। 54 लाख वर्ग फुट में फैले दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल-3 (टी-3) का प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री ने देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट टर्मिनल को देश के नाम समर्पित करते हुए कहा कि टी-3 बहुत जल्द दुनिया के अव्वल 10 एयरपोर्ट में शामिल होने की काबिलियत रखता है।
अंतरराष्ट्रीय मानदंड़ों और कई नई खूबियों वाले टी-3 को 14 जुलाई से खोला जाएगा। इसका निर्माण पब्लिक प्राईवेट पार्टरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत जीएमआर ग्रुप ने किया है। टी-3 में करीब 168 चेक-इन काउंटर और ९५ इमिग्रेशन काउंटर की सुविधा है, जो भारत के किसी भी एयरपोर्ट की तुलना में ज्यादा है।
निर्धारित समय से 12 महीने पहले बनकर तैयार हुए इस एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री ने कहा कि टी-3 सरकार के 58 विभागों के अच्छे तालमेल का नतीजा है। जीएमआर ग्रुप को नए टर्मिनल बनाने पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, देश की भौगौलिक स्थिति नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए काफी उपयुक्त है।
२क्२क् तक नागरिक उड्डयन क्षेत्र में लगभग 12 अरब डॉलर तक का निवेश की संभावना है। नागरिक उड्डयन क्षेत्र को बढावा देने के लिए सरकार पूरी तरह संयत है।
भारत की संस्कृति को झलक दिखाते कई कलाकृतियों को भी इस नए एयरपोर्ट में दिखाने की कोशिश की गई है। टर्मिनल के गलियारों से लेकर दीवारों और टायलट तक में भारतीय संस्कृति की झलकियों को दिखाने की कोशिश की गई है। उद्घाटन में आई यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कहा कि टी-3 वाकई विशाल और आकर्षक है।
समय से पहले निर्माण कार्य पूरा करने पर सोनिया ने कहा कि टी-3 और दिल्ली मेट्रो रेल सेवा में कुछ चीजें समान-सी लगती हैं। पहला यह कि दोनों के निर्माण से देश का नाम ऊंचा हुआ है, दूसरा दोनों ही निर्माण कार्य समय से पहले पूरे हुए हैं। यूपीए अध्यक्ष ने इसी तरह के निर्माण कायरें को देश के शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों से भी जोड़ने की अपील की।
नए टी-3 में आने वाले यात्री पहली बार एयरोब्रिज और वॉकलेटर की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। इससे यात्री को बिना किसी टर्मिनल से विमान तक सीधे ले जाने की सुविधा होती है। टी-3 में लगभग 78 एयरोब्रिज बनाए गए हैं, जबकि यात्रियों का बिना चले दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए 118 मीटर वॉकलेटर मशीन बिछाई गई है। पहली बार किसी एयरपोर्ट मे विकलांगों का विशेष ख्याल रखते हुए पूरे भवन को उनके अनुकूल बनाया गया है।
इसके साथ पूरे देश में हैदराबाद एयरपोर्ट के बाद दिल्ली एयरपोर्ट दूसरा ऐसा बन गया है जिसमें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों तरह की उड़ानों को एक साथ संभाला जाएगा। इस विशाल एयरपोर्ट को बनाने के लिए लगभग 37 महीने लगे और इसका खर्च लगभग ९,क्क्क् करोड़ आया है। टी-3 में तीन रनवे हैं और इसमें सालाना 3.4 करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि यह पब्लिक प्राईवेट पार्टरशिप (पीपीपी) मॉडल का भी सबसे उत्तम नमूना है। टर्मिनल-3 का पूरा होना निर्माण क्षेत्र में दुनिया के लिए एक संदेश भी है।
जहां कुछ समय पहले भारत को निर्माण कार्य में देरी का पर्याय कहते थे, अब कई देश निर्माण क्षेत्र में भारत का लोहा मानने लगे हैं। प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) अगले साल तक देश के 25 एयरपोर्ट को अपग्रेड करने का काम खत्म कर देगा।
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