ऑनर किलिंग से निपटेगा मंत्री समूह
नई दिल्ली, (एजेंसी)... खाप पंचायतों की मनमानी और झूठी शान के लिए हो रही हत्याएं (ऑनर किलिंग) रोकने के उपायों पर बंटी सरकार ने इस मामले को भी मंत्री समूह के हवाले कर दिया है। साथ ही इस मामले पर कदम बढ़ाने से पहले केंद्र ने राज्यों से भी मशविरे का फैसला किया है। सूबों से विचार-विमर्श और मंत्री समूह के भीतर मंथन के बाद सरकार संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान इस मामले पर जरूरी संशोधन प्रस्ताव पेश करेगी।
प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गृह मंत्रालय ने इज्जत के नाम पर हो रही हत्याओं को रोकने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय दंड संहिता में संशोधनों का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत ऑनर किलिंग को अपराध की अलग श्रेणी में रखने और ऐसी हत्या के लिए उकसाने वालों को भी दोषी मानते हुए सख्त सजा के प्रावधान प्रस्तावित थे। साथ ही भारतीय साक्ष्य अधिनियम में बदलाव भी प्रस्तावित है जिसके बाद खाप पंचायतों को अपनी बेगुनाही साबित करनी होगी।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक बैठक में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल व खेल मंत्री एम.एस. गिल और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री कमलनाथ समेत कुछ सदस्यों की राय थी कि इसके लिए अलग कानून बनाने की जरूरत है।
सूत्रों के अनुसार सिब्बल ने इन हत्याओं को रोकने के लिए दहेज या सती प्रथा की तर्ज पर इन्हें सामाजिक अपराध मानते हुए कानूनी उपाय करने पर जोर दिया।
बैठक के बाद केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि मंत्रियों का समूह इस मामले को देखेगा। प्रधानमंत्री मंत्री समूह का गठन करेंगे। सूत्रों के अनुसार रायशुमारी के लिए राज्यों को प्रस्ताव भेजने के साथ ही सूबे की सरकारों को कुछ हफ्तों के भीतर अपनी राय रखने को कहा जाएगा ताकि मानसून सत्र खत्म होने से पहले प्रस्तावित सुधार पेश किए जा सकें।
इस बीच संकेत हैं कि इस मंत्री समूह की अगुवाई गृहमंत्री पी. चिदंबरम कर सकते हैं। करीब आठ सदस्यों वाले इस जीओएम में केंद्रीय कानून मंत्री वीरप्पा मोइली, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री मुकुल वासनिक, महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ भी शामिल होंगी। ऑनर किलिंग के सवाल पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एक विशेषज्ञ समिति भी गठित कर रहा है।
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