लखनऊ में क्वींस बैटन हाइजैक, प्रशासन के हाथ-पांव फूले
लखनऊ, (संवाददाता)... कॉमनवेल्थ गेम्स के क्वींस बैटन (प्रतिरूप) के अपनी यात्रा के दौरान गायब होने की खबर से शनिवार को पुलिस, प्रशासन के कुछ देर के
लिए हाथ-पैर फूल गए। दरअसल, लखनऊ से रायबरेली की यात्रा के दौरान बेटन के काफिले की पांच गाड़ियां एकाएक रास्ता बदलते हुए सहारा शहर पहुंच गईं।
कुछ लोगों द्वारा बैटन को लेकर भागने की सूचना जैसै ही वायरलेस पर फ्लैश हुई अफसरों की सांसें अटक गई। बैटन रिले खत्म कराकर पसीना पोंछ रहे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की सायरन बजाती कई गाड़ियां रायबरेली रोड की ओर भागीं। इसी बीच सूचना आई कि भागने वाले गांधी सेतु के पास पकड़े गए। थोड़ी ही देर में डीएम के पास फोन आया कि असली क्वींस बैटन तो काफिले के साथ रायबरेली की ओर प्रस्थान कर गई है। तब जाकर अफसरों की जान में जान आई। क्वींस बैटन को लेकर यह ड्रामा बाबू स्टेडियम पर रिले खत्म होने के बाद शुरू हुआ।
9:30 बजे क्वींस बैटन रिले टीम का काफिला रायबरेली की ओर बढ़ा। बंदरियाबाग चौराहे पर काफिले की पांच गाड़ियां गोमतीनगर की ओर मुड़ी। अचानक गाड़ियों के दूसरी ओर जाने से एस्कोर्ट टीम के होश उड़ गए। पुलिसकर्मियों ने पीछा किया तो गाड़ियों ने और तेजी पकड़ ली।
क्वींस बैटन हाईजैक होने की खबर से पुलिस प्रशासन के हाथ-पैर ढीले पड़ गए। पुलिस टीम ने पांचों गाड़ियों को गांधी सेतु के पास रोका। अफरातफरी के बीच गाड़ियों पर सवार लोग पुलिस को चकमा देकर निकल गये। इस दौरान वहां जमकर हाथापाई भी हुई। बैटन के हाईजैक होने की खबर से शासन तक हड़कंप मच गया।
अधिकारी इस कदर दबाव में थे कि डीएम को स्थिति साफ करने के लिए तुरंत प्रेस कांफ्रेंस बुलानी पड़ी। डीएम अनिल सागर के मुताबिक काफिले से भागने वाली गाड़ियों में क्वींस बैटन रिले कार्यक्रम के एडीजी लेफ्टिनेंट जरनल राज कादियान, प्रोजेक्ट मैनेजर श्रुति मेनन व संयोजक अल्का लाम्बा थीं। यह लोग प्रशासन की अनुमति के बिना क्वींस बैटन की प्रतिकृति लेकर सहारा शहर गये थे। जिलाधिकारी के मुताबिक बेटन के साथ देश की प्रतिष्ठा जुड़ी है और इसकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना निंदनीय है।
डीएम के मुताबिक सहारा प्रबंधन ने सहारा शहर में बैटन के स्वागत के लिए समय मांगा था, इसका कार्यक्रम पहले से ही तय था इसलिए अनुमति नहीं दी गई थी। तमाम आरोप-प्रत्यारोप के बीच दो बजे कादियान, श्रुति व लाम्बा डीएम को सफाई देने पहुंचे। कादियान का कहना था कि सुब्रत राय क्वींस बैटन रिले कार्यक्रम की प्रोटोकाल समिति के चेयरमैन हैं इसलिए उनके यहां बैटन की प्रतिकृति लेकर जाने पर किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं थी।
इस पूरे मामले पर सहारा प्रबंधन का कहना है सुब्रत राय खुद प्रोटोकाल कमेटी के चेयरमैन हैं इसलिए क्वींस बेटन को लेकर बेवजह हंगामा किया गया। भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन के निर्देश पर ही उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन के लोग ही प्रतिकृति लेकर आए थे और इसमें सहारा के किसी कर्मचारी का हाथ नहीं है। हमारा संस्थान क्वींस बेटन की गरिमा का पूरा सम्मान रखता है। कार्पोरट कम्युनिकेशन सहारा इंडिया परिवार के प्रमुख अभिजीत सरकार ने कहा है कि सहारा शहर में बैटन रिले कॉमनवेल्थ गेम्स आयोजन समिति के निर्देश पर आई थी।
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