आईपीएल-4 में नहीं दिखेंगी चीयरलीडर्स?
नई दिल्ली, (संवाददाता)...अगर आप इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अगले सेशन में भी नाच-गाने वाले ग्लैमर का तड़का लगने की उम्मीद बांध रहे हैं, तो यह खबर आपको निराश कर सकती है। मुमकिन है, अगले साल आईपीएल में उछलती-कूदती चीयरलीडर्स और उनसे जुड़ा तामझाम नजर ही न आए, क्योंकि उस साउथ अफ्रीकी कंपनी से जुड़े स्कैंडल की खबरें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के गलियारों में तैर रही हैं जिसने आईपीएल-3 के लिए चीयरलीडर मुहैया कराई थीं।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि चीयरलीडर्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट करने वाली साउथ अफ्रीकी कंपनी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रही है। इसी वजह से बोर्ड इस मामले की जांच शुरू करने पर मजबूर हुआ है। बोर्ड ने बेंगलुरु की कंपनी डीएनए नेटवर्क्स से चीयरलीडर्स के बारे में सभी ब्यौरे देने को कहा है। इस कंपनी ने सभी आईपीएल फ्रैंचाइजी के लिए ग्राउंड एंटरटेनमेंट का जिम्मा संभाला था। अमेरिका में बास्केटबॉल और अमेरिकन फुटबॉल के साथ चीयरलीडर्स का पुराना नाता रहा है, पर क्रिकेट में इनका तमाशा पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग के जरिए पेश किया गया।
चीयरलीडर्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट करने वाली साउथ अफ्रीकी कंपनी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल रही है।
साल 2008 में आईपीएल के पहले सेशन से ही भारत के क्रिकेट दर्शकों के बीच चीयरगर्ल्स काफी मशहूर हो गईं। बोर्ड इस बात को लेकर चिंतित है कि इनकी लोकप्रियता कुछ ज्यादा ही बढ़ गई। बोर्ड के एक अन्य अधिकारी ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि आईपीएल-3 के मैचों के ट्रांसमिशन के दौरान टीवी स्क्रीन पर आने वाले एक स्क्रॉल को लेकर चिंता महसूस की जा रही है। इसमें चीयरगर्ल्स से बातचीत करने में दिलचस्पी रखने वालों को एक प्रीमियम नंबर पर कॉल करने को कहा जाता था। अधिकारी ने बताया कि बोर्ड ने डीएनए नेटवर्क्स के एमडी वेंकट वर्धन से सफाई मांगी है।
वर्धन ने अपनी सफाई में कहा कि बोर्ड ने यह मामला मेरे सामने उठाया था और मैंने साफ कर दिया कि हमारा इस स्क्रॉल से कोई लेना-देना नहीं है। किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया और यह हमारे सहयोग से नहीं किया गया। बोर्ड को प्रसारणकर्ताओं से सवाल करना चाहिए कि यह स्क्रॉल कैसे आया। वर्धन ने बताया कि हमारी कंपनी ने साउथ अफ्रीका में आईपीएल-2 के लिए चीयरलीडर्स मुहैया नहीं कराई थीं।
वर्धन ने ईटी को बताया कि जिस साउथ अफ्रीकी एजेंसी से चीयरलीडर्स नियुक्त की गईं, उसका नाम कॉस्मो प्रमोशनल मॉडल्स है। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, इसकी स्थापना 2006 में हुई थी और यह डरबन, जोहानिसबर्ग और केपटाउन में काम करती है। चीयरलीडर्स की टीम में 42 युवतियां थीं और सभी 59 मैच के लिए वे एक से दूसरे शहर पहुंच रही थीं। उन्होंने क्रिकेट स्टेडियम में ऑन-ग्राउंड इवेंट के अलावा किसी प्रमोशन में हिस्सा नहीं किया। सभी चियरगर्ल्स पेशेवर एथलीट थीं, जो करियर के तौर पर नियमित चीयरलीडिंग करती हैं।
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