ई-रिटर्न इनकम टैक्स भरने का आसान तरीका
कैसे फाइल करें अपना ई-रिटर्न....
सरकार ने आयकर रिटर्न भरने वाले लोगों के लिए भी ई-फाइलिंग की सुविधा दे दी है। ऑफिस के डेस्कटॉप या पर्सनल लैपटॉप से फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन करना अब सबको पसंद आता है। यह सुविधाजनक भी है और आसान भी। जुलाई समाप्त होने में कुछ ही दिन बचे हैं, आपको भी रिटर्न फाइल करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। रिटर्न भरने का परंपरागत तरीका तो यह है कि आप एक चार्टर्ड एकाउंटेंट के पास जाएं और वह आपकी सारी समस्या दूर कर देगा। हालांकि आप घर बैठे इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन आयकर रिटर्न भर सकते हैं। ई-फाइलिंग करते समय आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या वेबसाइट भरोसेमंद है?
सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप आयकर रिटर्न भरने के लिए सही वेबसाइट पर क्लिक कर रहे हैं। आयकर रिटर्न भरने के लिए ऑनलाइन माध्यम सिर्फ चार साल पहले बनाया गया है, इसलिए आप इससे पुराने दस्तावेजों का ब्यौरा नहीं निकाल सकते। 3आई इंफोटेक के सीईओ और एमडी रवि जगन्नाथन ने बताया, 'पोर्टल की विश्वसनीयता में कंपनियों का बड़ा योगदान है। इसके अलावा आपको यह भी चेक करने की जरूरत है कि पोर्टल को ई-रिटर्न इंटरमीडियरी (ईआरआई) से लाइसेंस मिला है या नहीं। यह लाइसेंस आयकर विभाग से जारी किया जाता है। आपको इस बारे में सूचना पोर्टल पर मिल जाएगी।' 3आई इंफोटेक टैक्समाइल डॉट कॉम नाम से एक पोर्टल चलाती है जिसके माध्यम से आयकर रिटर्न भरा जा सकता है।
आपका ट्रांजैक्शन सुरक्षित है या नहीं?
यह सुनिश्चित करें कि जिस वेबसाइट पर आपने रजिस्टर कराया है वह सुरक्षित है। आखिर इस वेबसाइट पर आप बहुत गोपनीय जानकारी दर्ज करने जा रहे हैं। आपको यह ध्यान देना चाहिए कि साइट आपकी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने में सक्षम है या नहीं। इसके लिए आपको ध्यान रखना चाहिए कि साइट का नाम https: // से शुरू होता हो न कि सिर्फ http // से।
बीच में अटक जाने पर क्या करें ?
आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया के बीच में अगर कहीं साइट अटक जाती है तो इसकी वजह सिर्फ तकनीकी समस्या नहीं है, हो सकता है किसी कर देनदारी की वजह से आपकी प्रोसेसिंग रुक गई हो। एक टैक्स पोर्टल ईटैक्स मेंटर पर रिटर्न भरते समय आप अंतिम स्टेज में नहीं पहुंच सकते, अगर आपने जरूरत के हिसाब से कर नहीं चुकाया है। ईटैक्स मेंटर के निदेशक नागार्जुन ने बताया, 'अगर आप कर देनदारी पूरा नहीं करने की वजह से अटक गए हैं तो पोर्टल आपको आपको बैंक के पेमेंट गेटवे पर ले जाएगा। यहां आपको कर चुकाना पड़ेगा तभी आप अंतिम स्टेज में पहुंच पाएंगे। इसके बाद बैंक आपको तुरंत एक ई चालान जारी कर देगा और उसके डिटेल्स एंटर करने के बाद आप रिटर्न भरने के अंतिम स्टेज में पहुंच जाएंगे।'
दस्तावेजों को संभाल कर रखें
रिटर्न भरने की प्रक्रिया से पहले अपने दस्तावेजों को जमा करना महत्वपूर्ण है। कर चुकाने वाले लोगों के लिए फॉर्म 16 ऐसा ही एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। अगर आपने होम लोन लिया है तो आपको उसकी रसीद की एक कॉपी लेनी पड़ेगी। अगर आप एचआरए रिलीफ ले रहे हैं तो आपको किराए के रसीद की जरूरत पड़ेगी। कर बचाने के लिए आपने जो भी निवेश किया है, उसके सबूत के लिए भी आपको दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा कैपिटल गेन्स टैक्स के लिए भी आपको दस्तावेज देने होंगे।
आईटीआर 5 फॉर्म 120 दिन के अंदर जमा कराएं
आयकर रिटर्न भरने के बाद टैक्स पोर्टल से आपको एक वेरिफिकेशन फॉर्म मिलता है जिसे 120 दिन के अंदर जमा कराना पड़ता है। यह वेरिफिकेशन फॉर्म डिजिटल सिग्नेचर के बिना भी मिल सकता है। जगन्नाथन ने कहा, 'डॉक्टर या वकील जैसे प्रोफेशनल्स के लिए डिजिटल सिग्नेचर जरूरी है क्योंकि आयकर विभाग को लाखों रसीदों से निपटना पड़ता है।' आयकर विभाग इसके बाद रिटर्न की वास्तविकता की जांच करता है। डिजिटल सिग्नेचर दो साल के लिए वैध होते हैं। अगर आप इसका इस्तेमाल समझदारी से करते हैं तो डिजिटल सिग्नेचर को तीन साल के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपने 20 जुलाई को डिजिटल सिग्नेचर खरीदा हो तो इसे आप अगले तीन साल तक रिटर्न भरने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। डिजिटल सिग्नेचर की कीमत 100 रुपए से शुरू होती है।
आपको अधिक दिमाग लगाने की जरूरत नहीं
चार्टर्ड एकाउंटेंट के जरिए रिटर्न फाइल करने की एक बड़ी वजह यह है कि लोग यही नहीं समझ पाते कि वे किस फॉर्म में अपना रिटर्न भरें। अब नए पोर्टल आपको सही फॉर्म सुझाते हैं।रिफंड कैसे पाएंआपको पहले से निर्धारित एक फॉर्मेट में रिफंड के बारे में जानकारी देनी होगी। संबंधित अधिकारी द्वारा रिफंड की मंजूरी देने के बाद यह राशि आपके एकाउंट में जमा कर दी जाती है। अगर आप समय पर रिटर्न फाइल करते हैं तभी आपके खाते में रिफंड जमा किया जाता है।
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