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संभोग के गोल्डन रूल
* दिन के समय कभी भी सेक्स न करें, सेक्स हमेशा रात में ही करना चाहिए वह भी सिर्फ एक बार। हो सके तो इसमें भी 'गैप' दें।
इन चार दिनों में कंडोम वगैरह लगाकर भी नहीं। ऐसा करना कई तरह के रोगों को दावत देना है। इस तरह का सेक्स किसी भी सूरत में उचित नहीं, इससे दूर ही रहें। जो लोग शाम सात बजे तक भोजन कर लेते हैं, उनको छोड़कर शेष लोगों को जो कि भोजन रात्रि 10-11 बजे तक करते हैं, सहवास आधी रात के बाद करना हितकारी है।
* सूर्योदय के कुछ समय पूर्व से लेकर सूर्योदय के बाद यानी ब्रह्य मुहूर्त में किया गया सेक्स हेल्थ की दृष्टि से हानिकारक है।
* जो लोग शाम सात बजे तक भोजन कर लेते हैं, उनको छोड़कर शेष लोगों को जो कि भोजन रात्रि 10-11 बजे तक करते हैं, सेक्स आधी रात के बाद करना हितकारी है।
* सोने के ठीक पहले दूध न पिएँ, यदि दूध लेना ही है तो सोने के एक घण्टा पूर्व लें।
* स्त्री का जिस समय मासिक धर्म चल रहा हो, तब उसके साथ सेक्स न करें।
* कई व्यक्ति सेक्स को महज एक औपचारिकता के तौर पर लेते हैं और इस कार्य को केवल वीर्य स्खलन मानते हुए जल्द खत्म कर देते हैं। दरअसल सहवास में जल्दबाजी न तो पुरुष को ही आनंद देने वाली होती है और न ही स्त्री की संतुष्टि। लिहाजा सेक्स के पहले रोमांटिक बातों से पार्टनर के सेक्स को पूर्ण जागृत करें, तभी सेक्स का सच्चा आनंद आप पा सकते हैं और पार्टनर को पूरी तरह सेटिस्फाय कर सकते हैं।
* कई व्यक्ति सेक्स को इस हद तक जरूरी मानते हैं कि भले ही उनका पार्टनर ठंडा पड़ा हो या वह अन्य किसी कठिन परिस्थिति से गुजर रहा हो, वे सेक्स करते ही हैं। यदि हसबेंड-वाइफ में से कोई भी क्रोध, चिंता, दुःख, अविश्वास आदि किसी भी मानसिक समस्या से गुजर रहा हो, तो सेक्स करना उचित नहीं है। यानी सहवास उसी समय परम आनंददायक होता है, जब पति-पत्नी दोनों पूर्ण प्रसन्न चित्त हों।
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