सत्य घटनाओं पर आधारित है "रेड अलर्ट" - अनंत महादेवन
सितारे : सुनील शेट्टी, समीरा रेड्डी, सीमा बिस्वास, आशीष विद्यार्थी, विनोद खन्ना, गुलशन ग्रोवर
निर्माता : टी. पी. अग्रवाल
निर्देशक : अनंत महादेवन
गीत : जावेद अख्तर
संगीत : ललित पंडित
कहानी : अपने बीवी-बच्चों के लिए दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में एक मजदूर नरसिम्हा (सुनील शेट्टी) नक्सलियों के गिरोह में पहुंच जाता है। मात्र पन्द्रह सौ रु. के लिए वह उनके लिए खाना पकाता और सेवा आदि करता है, लेकिन बार-बार मांगने पर भी उसे पैसे नहीं मिलते। यही बात एक दिन नक्सलियों का इंटरव्यू करने पहुंचे एक पत्रकार की नजर में आ जाती है। धीरे-धीरे नरसिम्हा इन नक्सलियों के साथ रह कर हथियार चलाना भी सीख जाता है। वह उनके गिरोह का सदस्य बन जाता है और एक दिन शक की बिना पर उसे अपने ही गिरोह के साथी की जान लेती पड़ती है। यहीं से आतंक की दुनिया में उसकी शुरुआत हो जाती है। एक हमले के दौरान उनके इस गिरोह में लक्ष्मी (समीरा रेड्डी) भी शामिल हो जाती है। आये दिन हमलों और उन हमलों का शिकार पुलिस, प्रशासन और बेकसूर लोगों को बनता देख धीरे-धीरे नरसिम्हा को अहसास होता है कि गिरोह के सरगना वेणु अन्ना (आशीष विद्यार्थी) का आंदोलन बेकसूर लोगों के लिए मौत का सबब बन रहा है।
"फिल्म की कहानी सत्य घटनाओं पर आधारित है" - अनंत महादेवन
अपनी यह बात वह नक्सली नेता रामाकृष्णम (विनोद खन्ना) तक भी पहुंचाता है, लेकिन उसकी नहीं सुनी जाती। लेकिन जब नक्सली गतिविधियों का साया उसके बीवी-बच्चों पर भी मंडराने लगता है तो वह आतंक के रास्ते को छोड़ने का मन बना लेता है।
निर्देशन: मौजूदा हालात को देखते हुए निर्देशक अनंत महादेवन के पास मुद्दा अच्छा था। उनके अनुसार फिल्म की कहानी सत्य घटनाओं पर आधारित है, लेकिन फिल्म के ट्रीटमेंट को देख कर उनका होमवर्क काफी कमजोर लगता है। बेशक उनकी कहानी सच्ची हो सकती है, लेकिन इसमें कई घटनाओं के घाटलमेल से गाड़ी पटरी पर बैठती नहीं दिखती। फिल्म न तो पूरी तरह से केन्द्रीय किरदार नरसिम्हा पर केन्द्रित दिखती है और न ही नक्सली गतिविधियों पर ठीक से फोकस कर पाती है। यही वजह है कि फिल्म की शुरुआत काफी धीमी है। इंटरवल के बाद जरूर फिल्म में तेजी दिखाई पड़ती है। हालांकि अनंत महादेवन ने कई जगह नक्सली समस्या और पुलिस प्रशासन के बीच कथनी और करनी के ज्वलनशील अंतर को काफी असरकार तरीके से पेश भी किया है।
अभिनय : लंबे समय बाद सुनील शेट्टी ने रुटीन से हट कर अभिनय किया है। वह काफी संजीदा और सधे हुए लगे। आशीष विद्यार्थी और सीमा बिस्वास ने उनका अच्छा साथ दिया है।
समीरा रेड्डी के किरदार में और संभावनाएं पैदा की जा सकती थीं। बावजूद इसके समीरा ने अपनी ग्लैमरस छवि से परे नॉन ग्लैमरस अंदाज को अच्छे से कैरी किया है।
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