मंत्री ने कान पकड़कर बोला मुझे माफ कर दो
इंदौर/पीथमपुर, (संवाददाता)... यूनियन कार्बाइड का 40 टन कचरा जिस तरह चोरी-छिपे पीथमपुर लाया गया वह गलत है। मैं इस गलती को स्वीकारता हूं। यह मेरे मंत्रालय की गलती है, मैं उस समय मंत्री नहीं था मगर मेरे मंत्रालय को इसका ध्यान रखना था।
जिस तरह पहले कचरा लाया गया था अब इस तरह दोबारा नहीं होगा। जो हुआ उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं।यह कहना है केंद्रीय पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार जयराम रमेश का।
दो दिनी प्रवास पर आए श्री रमेश शनिवार को पीथमपुर में रामकी के प्लांट पर दौरा करने पहुंचे थे। रमेश ने एयरपोर्ट पर भास्कर से हुई विशेष चर्चा में माना कि यहां प्लांट लगाने के पहले जो माहौल तैयार करना था वह राज्य सरकार ने नहीं किया। पहले जनता को विश्वास में लेना था, यहां पर कुछ भी करने से पहले अब जनता को जोड़ना होगा।
जब कंपनी का झूठ खुला- रामकी प्लांट में सांसद गजेंद्रसिंह राजूखेड़ी, नपा अध्यक्ष देवेंद्र पाटीदार ने रमेश को चर्चा में बताया कि प्लांट से लगे तारपुरा गांव और आसपास का पूरा पानी प्रदूषित हो गया है। इस पर कंपनी ने विरोध किया कि हम पानी की मॉनीटरिंग करते रहते हैं, इससे जनप्रतिनिधि भड़क गए।
मैं इस गलती को स्वीकारता हूं। यह मेरे मंत्रालय की गलती है, जो हुआ उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं। : जयराम रमेश
राजूखेड़ी ने राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की उस रिपोर्ट को मंत्री के सामने रख दिया जिसमें 2007 और 2009 के बीच हुई पानी की जांच के नमूनों की जानकारी थी।
कमेटी करेगी चार महीने में कंपनी का फैसला
यहां मौजूद कुछ ग्रामीणों ने भी श्री रमेश को बताया कि कई लोगों को चर्मरोग हो गया है। जमीन खराब हो गई है, जानवरों की मौत हो रही है। श्री रमेश ने इसे गंभीरता से लेते हुए एक कमेटी बनाकर कंपनी के कारण पर्यावरण को हुए नुकसान की जांच करने के आदेश जारी कर दिए।
इस कमेटी के लिए उन्होंने प्रदेश के प्रमुख सचिव आवास एवं पर्यावरण विभाग आलोक श्रीवास्तव को कहा कि इसमें ग्रामीणों को भी शामिल किया जाए। कमेटी चार महीने में रिपोर्ट देगी, उसके बाद ही इस प्लांट के बारे में फैसला किया जाएगा।
मजदूरों के घायल होने को भी छुपाती रही कंपनी
श्री रमेश को रामकी के अधिकारियों ने जानकारी दी कि प्लांट में सुरक्षा संबंधी सभी उपाय किए गए हैं, यहां कर्मचारियों को पूरी ट्रेनिंग दी जाती है। इस पर जनप्रतिनिधि और रहवासी भड़क गए, उन्होंने केंद्रीय मंत्री के सामने ही कंपनी के झूठ का पर्दाफाश कर दिया। आठ दिन पहले कंपनी में हुए एक्सीडेंट में घायल सात कर्मचारियों के बारे में उन्होंने रमेश को पूरी बात बताई।
रात के अंधेरे में 27 जून 08 को आया था कचरा
पीथमपुर के रामकी संयंत्र में भोपाल से यूनियन कार्बाइड का कचरा 27 जून 2008 को आया था। रात में दो बजे 40 टन कचरा कंटेनरों में भरकर भोपाल से पीथमपुर के लिए रवाना किया गया था। इसका खुलासा सात महीने बाद उस समय हुआ था जब पार्लियामेंट्री कमेटी यहां दौरा करने आई थी।
0 Comment: