नीतू नखरेवाली
्रियदर्शन की ‘गरम मसाला’ के जरिये हिंदी फिल्मों में आयी बिहारी बाला नीतू चंद्रा अपने काम से ज्यादा कामुक तस्वीरों की वजह से चर्चा में रहीं। अश्लीलता को बोल्डनेस का पर्याय समझ बैठी नयी हीरोइनों में से एक नीतू चंद्रा भी हैं। उन्होंने कामयाबी और प्रसिद्धि का शार्टकट अपना लिया है। शायद उनके सामने मल्लिका शेरावत का आदर्श रहा हो। छोटे शहरों (पटना को छोटा शहर ही कहा जाता है) से आयी लड़कियों में नये किस्म की आक्रामकता दिखाई दे रही है। काम और नाम पाने के लिए वे अपनी सेक्सुअलिटी का इस्तेमाल करने से नहीं चूकतीं। यह किसी प्रकार का भ्रष्ट आचरण नहीं है। आज की लड़कियां शर्म और नैतिकता की चादर ओढ़े रह कर मौके नहीं गंवाना चाहतीं। कई बार जल्दबाजी में वे गलत कदम उठाती हैं और फिसल भी जाती हैं, लेकिन जोखिम तो इन दिनों सड़क क्रॉस करने में भी रहता है।
नीतू चंद्रा में बोल्डनेस है। उन्हें मालूम है कि उन्हें क्या चाहिए? और इस चाहत के लिए वे अपने रास्ते खोज रही हैं। कभी तस्वीरें, कभी हरकतों और कभी बयानों से चर्चा में बनी रहती हैं। चूंकि बिहार की इकलौती अभिनेत्री हैं, इसलिए वहां के मशहूर नेता, अभिनेता, अधिकारी और दूसरे प्रभावशाली लोग उन्हें भरपूर सहयोग और सम्मान देते हैं। सुशील कुमार मोदी को भी उनके साथ साइकिल चलाने में दिक्कत महसूस नहीं होती। नीतू चंद्रा की नासमझी या बचपना ही कहेंगे न? अपनी नयी फिल्म ‘अपार्टमेंट’ में उन्होंने एक स्नान दृश्य किया है और अपनी तुलना स्मिता पाटिल से करने बैठ गयीं। उनका मानना है कि ये दृश्य किसी भी प्रकार ‘चक्र’ के दृश्य से कम नहीं है। सिर्फ नहाने भर से कोई अभिनेत्री स्मिता पाटिल हो सकती है तो सभी अभिनेत्रियों को ऐसा स्नान कर लेना चाहिए। वैसे गौर करें तो स्मिता पाटिल खुले में नहा रही थीं, जबकि नीतू चंद्रा बाथरूम में हैं। फिर भी… इस बिहारी बाला के नखरे भी बढ़ रहे हैं। सुना है कि नीतू इन दिनों सीधे मुंह लोगों से बात नहीं करतीं। हर छोटी-मोटी पार्टी में मौजूद नीतू चंद्रा की कोशिश रहती है कि कम से कम अपने पहनावे से अगले दिन उनकी तस्वीरें अखबारों में छप जाएं। आजकल चर्चित होने का यही पेज थ्री तरीका है। और भी बातें हैं, कुछ आप भी सोचते होंगे/होंगी?
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